बोधा के कवित्त
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1767 - 1806 | राजापुर, उत्तर प्रदेश
रीतिमुक्त काव्य-धारा के कवि। प्रेम-मार्ग के निरूपण और ‘प्रेम की पीर’ की व्यंजना में निपुण।
रीतिमुक्त काव्य-धारा के कवि। प्रेम-मार्ग के निरूपण और ‘प्रेम की पीर’ की व्यंजना में निपुण।