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भाई परमानंद

1876 - 1947 | झेलम, पंजाब

भाई परमानंद की संपूर्ण रचनाएँ

आत्मकथ्य 1

 

उद्धरण 1

सच्चा प्रेम त्याग से बना होता है, दिखावे का प्रेम स्वार्थ से।

 

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