बलभद्र मिश्र के कवित्त
aaj ik aur baras biit gayā us ke baġhair
jis ke hote hue hote the zamāne mere
1543 | ओरछा, मध्य प्रदेश
भक्तिकालीन रीति कवि। प्रौढ़ और परिमार्जित काव्य-भाषा और नायिका भेद के लिए प्रसिद्ध।
भक्तिकालीन रीति कवि। प्रौढ़ और परिमार्जित काव्य-भाषा और नायिका भेद के लिए प्रसिद्ध।