देवभूमि द्वारका के रचनाकार

कुल: 4

मीरा

1498 - 1546

भक्तिकाव्य में कृष्ण भक्ति शाखा का चर्चित नाम। राज परिवार में जन्म लेकर भी रजवाड़ों में किए जा रहे स्त्री-शोषण के विरुद्ध खड़ी कवयित्री।

सुपरिचित गुजराती कवि-समालोचक और अनुवादक। 'तुलसीदल' कृति के लिए उल्लेखनीय।

नई पीढ़ी के चर्चित कवि-लेखक।

संस्कृत, अँग्रेज़ी और गुजराती के कवि-समालोचक-संपादक।