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साईं अपने भ्रात को

sain apne bhraat ko

गिरिधर कविराय

अन्य

अन्य

गिरिधर कविराय

साईं अपने भ्रात को

गिरिधर कविराय

साईं अपने भ्रात को कबहुँ दीजै त्रास।

पलक दूर नहिं कीजिये सदा राखिये पास॥

सदा राखिये पास त्रास कबहूं नहिं दीजै।

त्रास दियो लंकेश ताहिकी गाति सुनि लीजै॥

कह गिरिधर कबिराय रामसों मिलियो जाई।

पाप बिभीषण राज्य लंकपति बाज्यो सांई॥

स्रोत :
  • पुस्तक : कुण्डलियाँ गिरिधरराय (पृष्ठ 27)
  • रचनाकार : गिरिधर कविराय
  • प्रकाशन : नवलकिशोर प्रेस
  • संस्करण : 1922

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