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उत कटकारे रंग अंग मतवारे चलें

ut katkare rang ang matware chalen

सोमनाथ

अन्य

अन्य

सोमनाथ

उत कटकारे रंग अंग मतवारे चलें

सोमनाथ

और अधिकसोमनाथ

    उत कटकारे रंग अंग मतवारे चलें,

    डगन डरारे सेष सीस बिकसत है।

    पब्बय उखारै सुंड दंतन उछारै चंड,

    कुंभन के झारै ब्रहमंडनु कसत है।

    सौमनाथ जिनकी सुनें करतूति मजबूत,

    पुरहूत कौ कौन पील अकसतु है।

    दिन मै उदार सिंघ सूरज कुँवार ऐसे,

    मौज आएं कुंजर अपार बकसतु है॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : सोमनाथ ग्रंथावली, प्रथम खंड (पृष्ठ 827)
    • संपादक : सुधाकर पांडेय
    • रचनाकार : सोमनाथ
    • प्रकाशन : नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी
    • संस्करण : 1972

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