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भाग जसुधा को, वसुधा का आभरन पूरौ

bhag jasudha ko, wasudha ka abhran purau

कुमारमणि भट्ट

अन्य

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कुमारमणि भट्ट

भाग जसुधा को, वसुधा का आभरन पूरौ

कुमारमणि भट्ट

और अधिककुमारमणि भट्ट

    भाग जसुधा को, वसुधा का आभरन पूरौ,

    सुधा-पूर, ब्रज-वधू-लोचन-चसक कौ।

    रूप कौ निधान, रस-कला सावधान महा—

    दान सदा जान पर-पीर के कसक कौ॥

    कुल कौ मसाल, बलबंड वैरी-उरसाल,

    पालक 'कुमार, है दिसाकऊ दसक कौ।

    गुन कौ जनैया, निजजन कौ चिन्हैया पायौ,

    कुँवर कन्हैया लोक ठाकुर ठसक कौ॥

    स्रोत :
    • पुस्तक : रसिक-रसाल (पृष्ठ 69)
    • संपादक : पो० कंटमणि शास्त्री विशारद
    • प्रकाशन : श्रीविद्या विभाग कांकरोला
    • संस्करण : 1994

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