Font by Mehr Nastaliq Web

जब हेलेन जीती थी

jab helen jiti thi

विलियम बटलर येट्स

अन्य

अन्य

विलियम बटलर येट्स

जब हेलेन जीती थी

विलियम बटलर येट्स

और अधिकविलियम बटलर येट्स

     

    हम हताश होने पर चिल्लाया करते हैं,
    दुनिया वाले मामूली-मामूली बातों,
    या कि शोर-गुल वाले, सस्ते
    आमोदों के कारण अक्सर
    अपनी पीठ फेर लेते हैं
    सुंदरता से,
    जिसे जीतकर हम लाए हैं
    जग के भीषण संघर्षों से;
    फिर भी यदि हम
    उस ऊँची मीनारों वाले गढ़ के अंदर
    चलने-फिरने वाले होते
    जिसमें हेलेन—वह अनिंद्य यूनान सुंदरी—
    औ' उसके प्रियतम रहते थे,
    ट्रवाय नगर के अगणित लोगों के समान ही,
    कभी-कभी ही उसे देखते,
    कभी-कभी ही एक शब्द उससे कह पाते।

         
    स्रोत :
    • पुस्तक : मरकत द्वीप का स्वर (पृष्ठ 76)
    • रचनाकार : विलियम बटलर येट्स
    • प्रकाशन : राजपाल एंड संस
    • संस्करण : 1965

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए