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तोहरी करनी से रातौ-दिन हम चिंता मा अधियान अही।

tohri karni se ratau din hum chinta ma adhiyan ahi.

अनुज नागेंद्र

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अनुज नागेंद्र

तोहरी करनी से रातौ-दिन हम चिंता मा अधियान अही।

अनुज नागेंद्र

और अधिकअनुज नागेंद्र

    तोहरी करनी से रातौ-दिन हम चिंता मा अधियान अही।

    हम तौ मजदूर किसान अही।

    कल तक तौ पूजा जात रहे सब कहयँ कि हम भगवान अही।

    हमरिन मेहनत के दमखम से वै कहयँ कि हम धनवान अही।

    वै कहा करयँ कि तुहिन से सब बंगला, कोठी, कार अहै।

    तोहरेन वोटे के बलबूते येहि देसवा कै सरकार अहै।

    आखिर अब कउन कसूर भवा तू कहत अहा शैतान अही।

    हम तौ मजदूर किसान अही।

    हम सब संकट मा परा अही तू आपन हाथ सिकोरि लेह्या

    घर कै दरवाजा बंद केह्या, सब रोजी-रोटी छोरि लेह्या।

    हम दाना का मोहताज भये, हंडिया-कुचुरी सब खाली भै।

    लरिकौ कै पेट भरि पाए, चौगिरदा से बदहाली भै।

    अब मदत करइ का काउ कही तोहरी खातिर बेइमान अही।

    हम तौ मजदूर किसान अही।

    कुछ नेतन कै यस हया मरी, वै एहू मा रोटी सेंकि रहे।

    कुछ करइ धरइ का नहीं मुला बस लंबी चौड़ी फेंकि रहे।

    अब हमसब बाटे ख़फ़ा बहुत कुछ संसद अउर विधायक से।

    अबकी हम नाता तोरि देब अइसे नेता नालायक से।

    हम खुदै फैसला करै बरे अबकी आगे अगुआँन अही।

    हम तौ मजदूर किसान अही।

    जेहका देखा अब उहइ कबड्डी एहि हड्डी पै खेलति बा।

    दुनिया के दर्द, मुसीबत सब हमरिन खोपड़ी पै ठेलति बा।

    हम अइसे चुप ना बइठ जाब पीछे हटब लड़ाई से।

    अबकी तनिकउ ढील देब हम आउब पेश कड़ाई से।

    अबकी फैसला कराइ लेब, सब जने बहुत खौहान अही।

    हम तौ मजदूर किसान अही।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनुज नागेंद्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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