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तीन सवाल एक साथ

teen saval ek saath

अनुवाद : उज्जवल भट्टाचार्य

एरिष फ्रीड

अन्य

अन्य

एरिष फ्रीड

तीन सवाल एक साथ

एरिष फ्रीड

और अधिकएरिष फ्रीड

    क्या एक कविता

    एक ऐसी दुनिया में

    —जो अपने में ही टूट-फूटकर

    शायद पतन के गर्त में जा रही हो—

    अब भी सरल रह सकती है?

    क्या एक कविता

    एक ऐसी दुनिया में

    —जो शायद पतन के गर्त में जा रही हो

    अपने में ही टूट-फूटकर—

    सरल के सिवा कुछ और हो सकती है?

    क्या एक दुनिया

    —जो शायद अपने में ही

    टूट-फूटकर पतन के गर्त में जा रही हो—

    कविता पर हुक्म चला सकती है?

    स्रोत :
    • पुस्तक : दरवाज़े में कोई चाबी नहीं (पृष्ठ 425)
    • संपादक : वंशी माहेश्वरी
    • रचनाकार : एरिष फ्रीड
    • प्रकाशन : संभावना प्रकाशन
    • संस्करण : 2020

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