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टूटा हुआ पुल

tuta hua pul

आलोक रंजन

अन्य

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आलोक रंजन

टूटा हुआ पुल

आलोक रंजन

और अधिकआलोक रंजन

    दूर कहीं एक पुल टूटा है

    वहीं एक सूरज भी डूबा है

    टूटना और डूबना यादृच्छिक हैं कि

    नियंत्रित

    कहना कठिन है...

    कहीं इसका भी विज्ञान हो जो यह तय करे

    वैसे ही जैसे मांसपेशियाँ तय हैं...

    बहरहाल,

    डूबते सूरज को देखने लोग गए थे

    स्थानीय लोग टूटे हुए

    पुल को भी घेर कर खड़े थे

    जैसे पुल एक चोटिल अपराधी हो

    और दर्द निजाते ही भाग जाएगा...

    पुल टूटने का कोई प्रभाव है या रहेगा

    ही सूरज के डूबने का...

    पुल पुराना था

    अपनी इस गत का इंतिज़ार करता

    उस के ऊपर ही वह पुल था

    जिसने बहुत पहले ही एहसास दिला दिया था कि

    मियाँ दिन पूरे हुए...

    और सूरज?

    अरे भई वह तो कल भी निकलेगा...

    स्रोत :
    • रचनाकार : आलोक रंजन
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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