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स्त्री मरेगी नहीं—दो

stri maregi nahin—do

रेखा राजवंशी

अन्य

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रेखा राजवंशी

स्त्री मरेगी नहीं—दो

रेखा राजवंशी

और अधिकरेखा राजवंशी

    स्त्री मरेगी नहीं

    चाहे उसके

    जन्मने का

    मातम मनाओ

    चाहे उसे

    परंपराओं की

    बलि चढ़ाओ

    चाहे अपने

    मतलब के लिए

    देवदासी बनाओ

    जिस्म की मंडी में

    सामान की तरह

    बेचो ख़रीदो

    और अपनी

    काम वासना मिटाओ

    या उसके

    जननांगों का

    कर्तन कर दो

    या सिल दो

    उसके गुप्ताँगों को

    उसके आनंद का

    हर स्रोत

    हटा डालो

    उसकी अस्मिता

    आत्म सम्मान

    पूरी तरह

    मिटा डालो

    पर फिर भी

    स्त्री जीवित रहेगी

    सदियों तक

    कभी गाथा कहेगी

    रानी लक्ष्मी बाई-सी

    कभी खोज करेगी

    मैडम क्यूरी-सी

    कभी मदद करेगी

    युद्ध की विभीषिका में

    फ़्लोरेंस नाइटिंगेल-सी

    या सेवा करेगी

    मानवता की

    मदर टेरेसा-सी

    या फिर तालिबान के

    विरोध में बोलेगी

    मलाला युसूफज़ई-सी

    पर स्त्री

    स्त्री मरेगी नहीं

    स्रोत :
    • रचनाकार : रेखा राजवंशी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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