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शिशिर का आलिंगन

shishir ka alingan

अनुवाद : बीना क्षत्रिय

मनप्रसाद सुब्बा

अन्य

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मनप्रसाद सुब्बा

शिशिर का आलिंगन

मनप्रसाद सुब्बा

और अधिकमनप्रसाद सुब्बा

    साइबेरिया की चिड़िया

    दक्षिण में जाड़ा बिताने आए जैसे

    उत्तरी हवा भी

    जाड़ा सहन कर

    नीचे की ओर उतरती है।

    और पता चलता है हमें

    शिशिर की अपनी ज़िम्मेदारी के प्रति ईमानदारी।

    पर जब शीतयुद्ध के रेफ्रिजरेटर से ठंडी लहर चलती है

    उस वक़्त हमें बेहद ठंड महसूस होती है।

    ग्रीष्म का ताप सहन करने योग्य बनाने के लिए

    धरती को जितना ठंडा रख सकते हैं

    उतना ही शिशिर ठंडा हो सकता है।

    कुछ गर्म कपड़े-लत्ते

    गर्म सूप कुछ खाने की चीज़ें

    बस इतने से ही इसकी ठंडी आलिंगन को

    अच्छी तरह थाम सकते हैं।

    लेकिन आईने की आँखों की निरर्थक दृष्टि

    और हिपोक्रिट हवाओं की फूँक से

    हृदय ठिठुरता है

    चेतना भी ठंडी हो जाती है

    शिशिर कभी बर्फ़ गिराते हुए आता है

    (बर्फ़ में होना एक अलग मज़ा है।)

    पर जब षड्यंत्र के कोल्ड स्टोरेज से शीत लहर चलती है

    उस वक़्त पता ही नहीं चलता

    रक्त ठंडा होकर जम चुका है।

    कम ख़तरनाक होता है

    धृतराष्ट्र के आलिंगन से

    शिशिर का आलिंगन।

    स्रोत :
    • पुस्तक : ऋतु कैनवास पर रेखाएँ (पृष्ठ 89)
    • रचनाकार : मनप्रसाद सुब्बा
    • प्रकाशन : नीरज बुक सेंटर
    • संस्करण : 2013

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