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शादी-कार्ड

shadi card

आयुष झा

अन्य

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आयुष झा

शादी-कार्ड

आयुष झा

और अधिकआयुष झा

     

    एक

    यह एक व्यस्क सिनेमा का शिलान्यास समारोह है
    वयस्कों से गुज़ारिश है कि वे बच्चों के कंधे पर बैठ मतदान के लिए प्रस्थान करें
    किसी ने आपसे पानी, बिजली, सड़क का
    कोई वादा नहीं किया
    लेकिन भरपूर मनोरंजन और स्वादिष्ट व्यंजनों से परिपूर्ण सफ़र में स्वागत है आपका।

    दो

    दो परिवार दूध और चीनी की तरह घुल-मिलकर
    चाय बन मिलेंगे आपके स्वागत में
    विविध बोल-चाल, रस्म-ओ-रिवाज,
    परंपरा से सुसज्जित दो आसमानों को
    इतने क़रीब लाया गया है
    जैसे तश्तरी भर इलायची-क्रीम-बिस्किट।

    तीन

    यह एक व्यस्क सिनेमा का शिलान्यास समारोह है 
    जिसमें अतिथि के तौर पर सम्मिलित हैं
    वे कुछ बच्चे
    जिनके अभी ठीक से दाँत नहीं उगे
    और वे कुछ बूढ़े जिनके लगभग दाँत झर चुके
    ये आपस में केक, पॉपकॉर्न और मूँगफली बाँट रहे हैं

    और मुख्य अतिथि
    सबसे कम उम्र का वह बच्चा
    जिसने अभी-अभी मेले मामा की छादी में
    जुलूल छे जुलूल आना की क़ैंची से
    लाल रिबन काट
    समारोह का 'श्री गणेश' किया है।

    चार

    यह एक व्यस्क सिनेमा का शिलान्यास समारोह है
    आप इसे पढ़ने के दौरान
    एक कुशल राजमिस्त्री हो रहे होते हैं।

    पाँच

    भले ही शादी-कार्ड की अपनी कोई पहचान न हो
    न आधार कार्ड 
    न कोई बीमा
    न ड्राइविंग लाइसेंस
    लेकिन इसकी जान-पहचान भैया
    गिल्लू गजेरी उर्फ़ अठन्नी मिसर से
    नीरू नाई नंबानी उर्फ़ लाखों चौधरी तक समझिए
    एक हाथ लाल सलाम
    तो दूसरा हाथ राम-राम
    जेब में सौंफ-इलायची, सरौता, पनबट्टी
    मुँह में मीठा पत्ता पिपरमेंट वला पान।

    छह

    मिथिला में ही टूटा था शिव धनुष
    मिथिला में ही रखी गई राम-सेतू परियोजना की नींव
    मिथिला में ही बाँधा गया दशानन की
    बौद्धिकता और बाहुबलरूपी अश्वमेध यज्ञ का घोड़ा
    मिथिला में ही लिखा गया
    राक्षसी सेनाओं के संहार के अध्याय का 'अ'

    मिथिला से ही रचा गया धर्म-कर्म और
    प्रेम का व्याकरण

    गर मिथिला के हवाले से कहूँ :
    यह जो शिव धनुष है,
    हवा, अग्नि, जल, पृथ्वी और
    आकाश के नाम शादी-कार्ड है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : आयुष झा
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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