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कील

keel

अनुवाद : सोमदत्त

वास्को पोपा

अन्य

अन्य


एक हुआ कीला दूसरा हुआ संसी
बाक़ी हैं कामगार

संसियों ने जकड़ा कील को सिर से
जकड़ा उसे अपने दाँतों अपने हाथों से
और खींचा उसे खींचा
निकालने के लिए उसे फ़र्श से
अक्सर वे उसका सिर ही खींच पाते हैं
बड़ा कठिन है कील को निकालना फ़र्श से

तब कामगार कहते हैं
बेकाम हैं संसियाँ
तोड़ लेती हैं वे अपने जबड़े अपनी बाँहें
और फेंक देती हैं उन्हें बाहर खिड़कियों से
इसके बाद कोई और होता है संसी
कोई और कील
बाक़ी होते हैं कामगार।

         
स्रोत :
  • पुस्तक : नन्ही डिबिया (पृष्ठ 72)
  • रचनाकार : वास्को पोपा
  • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन, नई दिल्ली
  • संस्करण : 1988

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