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सबसे बड़ी गिनती

sabse baDi ginti

अनुवाद : रति सक्सेना

अय्यप्प पणिक्कर

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अय्यप्प पणिक्कर

सबसे बड़ी गिनती

अय्यप्प पणिक्कर

और अधिकअय्यप्प पणिक्कर

    मैं खोज रहा था कि

    क्या है दुनिया की सबसे बड़ी गिनती

    सबसे ज़्यादा लोगों का

    ज़्यादा से ज़्यादा भला करने को

    जन्म हुआ है मेरा

    तभी सुना कि

    लड़ाई छिड़ गई

    पहले कभी देखी नहीं

    सोचा इसे भी देख लूँ

    विज्ञापनों में घोषणा थी

    कोई टिकट नहीं

    देखते-देखते मज़ा आने लगा

    आदमियों को मरते देखा नहीं इस तरह

    चूहे, कॉक्रोच, चींटियाँ मरते हैं जिस तरह

    भुला बैठा कि लौटना है

    देखता रहा खेल

    इधर से उधर उड़ते बम देखे

    नशा चढ़ गया

    एक बम फट पड़ा सिर पर

    पर हाथ तालियाँ बजाते रहे

    कान लगाए मीडिया जन

    साहित्य पकाते-पैसा बनाते कविगण

    तालियाँ अब भी बज रही थीं...

    स्रोत :
    • पुस्तक : मेरी दीवार पर (पृष्ठ 68)
    • रचनाकार : अय्यप्प पणिक्कर
    • प्रकाशन : भारतीय ज्ञानपीठ
    • संस्करण : 2003

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