Font by Mehr Nastaliq Web

राजा जी का पुरस्कार

raja ji ka puraskar

चंद्रेश्वर

अन्य

अन्य

चंद्रेश्वर

राजा जी का पुरस्कार

चंद्रेश्वर

और अधिकचंद्रेश्वर

    नए साल के पहले दिन ही सुबह-सुबह

    गई ख़बर ये फैल कि

    किया है पुरस्कृत राजा जी ने राज में अपने

    किसी ऐसे समाजसेवी को

    जिसने चलाकर कि बनाकर एनजीओ

    खड़ी कर ली कोठी आलीशान शहर में

    नए साल के पहले दिन ही

    जब थोड़ी धूप निकली

    तो उसके संग चमक उठी एक और ख़बर कि

    किया है पुरस्कृत राजा जी ने एक गवैया भांड़ कवि को

    जो सच पर डालता आया था परदा दरबार में दशकों से

    नए साल के पहले दिन ही बीच दोपहरी आई उछलकर

    एक ऐसी भी ख़बर ख़रगोश की तरह

    कि राजा जी ने किया है पुरस्कृत

    ऐसे विद्धान को जो करता आया था व्यवसाय

    विद्या का युवा काल से

    नए साल के पहले दिन ही

    एक और ख़बर कोहरे-सी

    छाई शाम को कि पुरस्कृत किया है

    राजा जी ने उस इतिहासकार को

    जो इतिहास की किताबों के नाम पर

    खड़ा कर दिया था कचरे का पहाड़ कि महल झूठ का

    नए साल के पहले दिन ही होते-होते रात कि आधी रात

    सन्नाटे को चीरते हुए चीख़ में लिपटी आई

    अंतिम मनहूस ख़बर कि मार दिया गया वो बचा इकलौता हरकारा भी

    जो पहुँचाता था सच की ख़बरें जन-जन तक।

    स्रोत :
    • रचनाकार : चंद्रेश्वर
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए