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पुराने जूते

purane jute

सवाई सिंह शेखावत

अन्य

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सवाई सिंह शेखावत

पुराने जूते

सवाई सिंह शेखावत

और अधिकसवाई सिंह शेखावत

    पुराने जूते सुखद और उदार हैं

    किसी पुराने आत्मीय की तरह

    अपनी अकड़ और विन्यास भूलकर

    वे पाँवों के अनुरूप ढल जाते हैं

    इतने अपने इतने अनुकूल

    गंदले होकर ही कमाई जा सकती है

    जीवन की मशक़्क़त भरी तमीज़

    यह केवल जूते जानते हैं

    नए जूते बेशक चमचमाते शानदार हैं

    लेकिन जीवन की आवश्यक विनम्रता

    उन्हे पुराने जूतों से सीखनी पड़ती है

    कहते हैं गेटे को पुराने जूते छोड़ते हुए

    बहुत तकलीफ़ होती थी

    प्रिय पुरखे को दफ़नाने की तरह

    एक कवि को पुराने जूते की तरह

    आत्मीय और उदार होना चाहिए

    केवल तभी उसकी कविता बचा सकती है

    जीवन को कँटीले धूल-धक्कड़ से

    झुलसती धूप से ठिठुरते शीत से

    स्रोत :
    • रचनाकार : सवाई सिंह शेखावत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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