Font by Mehr Nastaliq Web

आओ, देखें तमाशा

aao, dekhen tamasha

अनुवाद : खड़कराज गिरी

वीरभद्र कार्कीढोली

अन्य

अन्य

वीरभद्र कार्कीढोली

आओ, देखें तमाशा

वीरभद्र कार्कीढोली

और अधिकवीरभद्र कार्कीढोली

    उसकी परछाईं की उम्र

    उसके ही अधीन होगी, पर

    उसकी उम्र

    ज़रूरी नहीं कि उसके अधीन हो!

    देखो न, सूरज डूबते ही

    शाम होते ही

    जल उठी है उस ओर की पहाड़ी

    आग लगी है

    पहाड़ और ऊँची उभरी जगह

    जल रही है, जल रही है

    आओ, तमाशा देखें!

    किसी दिन इस ओर भी

    लग सकती है आग

    आग लगी तो

    पहाड़ और ऊँची उभरी जगह सब

    जलने लगेगी, लगेगी जलने

    उस वक़्त इस तरह

    तमाशा देख नहीं पाएँगे हम

    उस वक़्त

    तमाशा देखेंगे उस ओर के लोग

    जिस तरह इस वक़्त तमाशा देख रहे हैं

    इस ओर से हम...!!

    स्रोत :
    • पुस्तक : इस शहर में तुम्हें याद कर (पृष्ठ 57)
    • रचनाकार : वीरभद्र कार्कीढोली
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन
    • संस्करण : 2016

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY