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मेरी प्यारी पतलून

meri pyari patlun

राजकुमार केसवानी

अन्य

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राजकुमार केसवानी

मेरी प्यारी पतलून

राजकुमार केसवानी

और अधिकराजकुमार केसवानी

    मेरी पतलून

    बड़े कमाल की चीज़ है

    इसे पहनकर

    निकलता हूँ जब भी

    अक्सर पूछते हैं लोग

    नई है?

    मैं मुस्कुरा देता हूँ

    उस समय

    क्योंकि मैं जानता हूँ

    ये कितनी पुरानी है

    मगर ये बात

    कहना नहीं चाहता

    उनको

    जो मुझसे मिलते हैं

    इतने प्रेम से

    शायद इसलिए

    मैं पहने हुए हूँ

    नई पतलून

    जो दिखती है

    अपनी असली क़ीमत से

    ज़्यादा महँगी

    और अपनी असली उम्र से

    ज़्यादा जवान

    दिन-भर की दौड़-धूप के बाद

    लौट आता हूँ

    जब अपने घर

    मैं अपनी

    उस प्यारी पतलून को

    उतार कर

    टाँग देता हूँ

    झाड़-पोंछकर

    दिन-भर की धूल

    पहन लेता हूँ

    उसके बदले

    घर के कपड़े

    फिर सोच-सोचकर

    दिन-भर की बातें

    होता रहता हूँ ख़ुश

    स्रोत :
    • पुस्तक : बाक़ी बचें जो (पृष्ठ 98)
    • रचनाकार : राजकुमार केसवानी
    • प्रकाशन : शिल्पायन प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

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