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मौसम से बात शुरू करते

mausam se baat shuru karte

मिथिलेश कुमार राय

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मिथिलेश कुमार राय

मौसम से बात शुरू करते

मिथिलेश कुमार राय

और अधिकमिथिलेश कुमार राय

    हम मौसम से बात शुरू करते

    फिर हवा की बातें करते

    उसे महसूस करते

    हम आसमान को बड़ी देर तक निहारते

    और बारिश की बातें करने लगते

    कुछ समय के बाद

    जब हमारी बातें खेतों में उतरतीं

    हम पौधों की बातें करते

    तब हमारी बातों के बीच कुछ वृक्ष जाया करते

    हम उनकी डालियों को देखते

    अगर हमें उस पर कोई चिड़िया दिख जातीं

    तो हम पहले कुछ देर चहक लेते

    फिर उड़ने की बातें करते

    पकने पर फ़सल का रंग सुनहरा होता है

    मंज़र जो होता है दरअसल वह वृक्ष का फूल होता है

    हमारी बातों में जब कभी फूलों का ज़िक्र आता

    हम प्यार की बातें करने लगते

    अगर प्यार की बातें छिड़ जातीं

    तो जैसे कोई जादू हो जाता

    बस हम मुस्काते

    और देर तलक चुप रहते

    फिर हम कुछ भी बातें करते।

    स्रोत :
    • रचनाकार : मिथिलेश कुमार राय
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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