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मसख़रा उदास है

maskhara udaas hai

महाराज कृष्ण संतोषी

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महाराज कृष्ण संतोषी

मसख़रा उदास है

महाराज कृष्ण संतोषी

और अधिकमहाराज कृष्ण संतोषी

    मसख़रा उदास है

    उसे कहा जा रहा है

    पहले हँसने हँसाने के नियम जान लीजिए

    मसख़रा उदास है

    उसे कहा जा रहा है

    जो जीवन में

    सफल है

    सक्षम है

    वे सारे देशभक्त हैं

    उन पर कभी मत हँसिए

    मसख़रा उदास है

    उसे कहा जा रहा है

    हँसना है

    तो स्वयं पर हँसिए

    और जो यहाँ जी रहे

    जीवन असफल

    उन पर हँसिए

    पर हमेशा सचेत रहिए

    और पहले यह सोचिए

    क्यों हँस रहे हो

    किनके कहने पर हँस रहे हो

    किनके लिए हँसाने का

    इतना बड़ा जोखम उठा रहे हो

    मसख़रा हँसता है

    आईने के सामने

    उसे अपनी हँसी में

    कोई खोट नहीं

    केवल देशभक्ति दिखाई देती है

    वह पूछता है

    अपने प्रतिबिंब से

    क्या मेरा हँसना

    देशहित में नहीं है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : महाराज कृष्ण संतोषी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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