Font by Mehr Nastaliq Web

मरना कोई बीमारी नहीं

marna koi bimari nahin

मोनिका कुमार

अन्य

अन्य

मोनिका कुमार

मरना कोई बीमारी नहीं

मोनिका कुमार

और अधिकमोनिका कुमार

    उम्र में मुझसे दस साल छोटे भाई का

    हमारे खेल में यह पहला दिन था।

    हम सभी ख़ुश थे,

    अब से होगा एक छोटा मुर्ग़ा,

    जो हम सबसे कम दुष्ट

    और खेल में ईमानदार होगा।

    उस दिन हमें खेलना था डॉक्टर-डॉक्टर,

    सबसे बड़ी बहन बनी डॉक्टर,

    एक भाई कंपाउंडर,

    बाक़ी कम उम्रों को मरीज़ बनने का अभिनय करना था।

    छोटा भाई कर रहा था अपनी बारी का इंतज़ार,

    चादर से बनाए तंबू में घुसते ही,

    तपाक् से बोला

    डॉक्टर जी! मैं मर गया।

    हम अवाक् रह गए,

    बड़ी बहन ग़ुस्से में बोली,

    तुम्हें कहना होगा

    दुखता है पेट, सर या कुछ भी,

    या फिर कहो बुख़ार आया है,

    मरना कोई बीमारी नहीं है।

    उसने कहा उसके पहले के मरीज़,

    पहले ही ये मशहूर बीमारियाँ गिन चुके थे,

    उसने सोचा कुछ मौलिक कहना होगा,

    हमारे खेल में अपनी जगह पक्की करना।

    स्रोत :
    • पुस्तक : आश्चर्यवत् (पृष्ठ 27)
    • रचनाकार : मोनिका कुमार
    • प्रकाशन : वाणी प्रकाशन
    • संस्करण : 2018

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए