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मैं विश्व-यारी का पुराना कवि

main wishw yari ka purana kawi

सवाई सिंह शेखावत

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सवाई सिंह शेखावत

मैं विश्व-यारी का पुराना कवि

सवाई सिंह शेखावत

और अधिकसवाई सिंह शेखावत

    मैं विश्व-यारी का पुराना कवि

    प्रेम के बारे में कुछ पुरानी तरह से सोचता हूँ

    जैसे वेद के ऋषि को एक अनन्य साधक

    प्रेमिका की ओर जाते जार-सा दिखता है

    उपनिषद्कार को ऊब-डूब आध्यात्मिक स्थिति के लिए

    याद आता है प्रिया का आलिंगन

    प्रेम को लेकर मैं नहीं सोचता पवित्रता के बारे में

    प्रेम को लेकर मैं नहीं सोचता अमरता के बारे में

    मेरे लिए प्रेम अनन्य समर्पण है

    आत्मा की अनश्वरता का साक्षी होकर भी

    मैं प्रेम में सोचता हूँ नश्वर देह के बारे में

    इंद्रियों के छबीलेपन के बारे में

    वासना के उन्माद के बारे में

    ताकि बनाया जा सके जीवन को

    कुछ और सजीला कुछ और रसीला

    देह से गुज़रकर मैं आत्म तक जाता हूँ

    मुझे इसी काया में मोक्ष चाहिए

    जो संभव थी पुरातन कविता में प्रेम की तरह।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सवाई सिंह शेखावत
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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