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लौटने का कवि

lautne ka kavi

सत्यव्रत रजक

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सत्यव्रत रजक

लौटने का कवि

सत्यव्रत रजक

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    लौटने पर ही लिखी गई

    कवियों ने तमाम तरह से लौटा

    एक साफ़ा पहनकर लौटा

    एक ने मिठाई खाई

    एक चने की इल्लियाँ खिलाकर

    एक सीढ़ियाँ गिनते हुए

    एक सीढ़ियाँ बनाते हुए लौटा

    कोई नायिकाओं और प्रणयबोधों के साथ

    कई नाव और नूहों के साथ लौटे

    आत्मकथाओं और थकी सीटों से लौटे

    परिचितों और प्रतापों से भी

    जितनी तरहों से नहीं लौटा जा सकता

    वे उतनी तरह से लौटे

    जितनी तरहों से लौटा जा सकता था

    वे उतनी तरह से कभी नहीं लौटे।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सत्यव्रत रजक
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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