कहियो-कहियो
कहियो-कहियो
सब चीज व्यर्थ लगैत अछि हमरा
चिड़ै चुनमुनीक कलरव
आशासँ भरल कविता
तारासँ छारल मेघ
आ हृदयमे अहुरिया काटैत एक टा नाम
मरल बेंग जकाँ अपन देह
अपने आगूमे रहैत अछि चितांग पड़ल
हमर एक टा विस्मृत धारक तरबामे
रहि-रहिकऽ उड़ैत अछि धूरा
आ कखनो-कखनो
आँखिमे कोनो नुनछाह सन चीज डबडबा जाइत अछि
जे गाल परसँ टघरैत
टप् दऽकऽ खसि जाइत अछि गट्टापर
कहियो-कहियो
बिना माछ खेनहि ओकर एक टा काँट
लसकि जाइत अछि कंठमे
दूपहरिया रातिमे
तीन हजार कोस दूर दलानपर
कतेको बरखसँ ठाढ़ महुआक गाछक डाँड़पर
दनादन कुड़हड़ि खसबाक आवाज अबैत अछि
कहियो-कहियो
अइ बताह मोनक अदृश्य सिरमामे बैसि कऽ
एक टा आन्हर कुकूर भरि राति कनैत अछि
कहियो-कहियो लगैत अछि
जे हम मनुक्ख नहि
एक टा मुरुत छी चलैत-बुलैत
नहि जानि हमरा नाकक दुनू बगलमे कियैक
दू टा काँचक गोली घुटरैत अछि सदति
कहियो लगैत अछि जे
निरंतर सरापसँ प्रताड़ित एक टा जाँत छी हम
अपनहि पदचिन्हमे हेरा गेल अछि हमर भविष्य
कहियो-कहियो लगैत अछि
जे उपन्यास एखन धरि लिखले नहि गेल अछि
तकर अहुरिया कटैत एक टा पात्र छी हम
हमर संभावित सर्जक
कतहु फँसि गेल छथि कोनो आन्हर-बिहाड़िमे
आ एतऽ सम्भावनाक ओलतीमे ठाढ़ भेल हम
नहि जानि कतेक युगसँ अनवरत भीजि रहल छी
- पुस्तक : एकटा हेरायल दुनिया (पृष्ठ 17)
- रचनाकार : कृष्णमोहन झा
- प्रकाशन : अंतिका प्रकाशन
- संस्करण : 2020
Additional information available
Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.
About this sher
rare Unpublished content
This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.