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जय-जय भारतवर्ष हमारे

jay jay bharatwarsh hamare

सियारामशरण गुप्त

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सियारामशरण गुप्त

जय-जय भारतवर्ष हमारे

सियारामशरण गुप्त

और अधिकसियारामशरण गुप्त

    जय-जय भारतवर्ष हमारे,

    जय जय हिंद, हमारे हिंद,

    विश्व-सरोवर के सौरभमय

    प्रिय अरविंद, हमारे हिंद!

    तेरे स्रोतों में अक्षय जल

    खेतों में है अक्षय धान,

    तन से मन से श्रम-विक्रय से,

    है समर्थ तेरी संतान।

    सबके लिए अभय है जग में

    जन-जन में तेरा उत्थान,

    वैर किसी के लिए नहीं है,

    प्रीति सभी के लिए समान।

    गंगा-यमुना के प्रवाह हे

    अमल अनिंद्य , हमारे हिंद,

    जय-जय भारतवर्ष हमारे,

    जय-जय हिंद, हमारे हिंद!

    तेरी चक्रपताका नभ में

    ऊँची उड़े सदा स्वाधीन,

    परंपरा अपने वीरों की

    शक्ति हमें दे नित्य नवीन।

    सबका सुहित हमारा हित है,

    सार्वभौम हम सार्वजनीन;

    अपनी इस आसिंधु धरा में

    नहीं रहेंगे होकर हीन।

    ऊँचे और विनम्र सदा के

    हिमगिरि विंध्य, हमारे हिंद,

    जय-जय भारतवर्ष हमारे,

    जय-जय हिंद, हमारे हिंद!

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