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ई हमार देसवा

ii hamar desva

अनीस देहाती

अन्य

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अनीस देहाती

ई हमार देसवा

अनीस देहाती

और अधिकअनीस देहाती

    सोना-चाँदी कै बखार, हमार देसवा।

    ये कै महिमा वा अपार, हमार देसवा।

    होत भिनउखा कोयल कुहकै,

    बइठि आम की डारी।

    राम-राम कहि टेरै सुगना,

    मैना गावै गारी।

    सोहै अँगना-दुआर, हमार देसवा।

    ये कै महिमा बा अपार, हमार देसवा।

    कबौ चलै पछियाँव बयरिया,

    कबौ चलै पुरवइया।

    पगडंडी मा चुरुर-मुरुर,

    बोलै गाड़ी कै पहिया।

    सारे जग कै लिलार, हमार देसवा।

    ये कै महिमा बा अपार, हमार देसवा।

    जगह-जगह पै ताल तलइया,

    खेत सजै हरियाली।

    कतौ चना गदरान,

    कतौ हलरै गोहूँ के बाली।

    झूमै नेमुआ-अनार, हमार देसवा।

    ये कै महिमा बा अपार, हमार देसवा।

    माठा-रोटी खाइ पहरुअै,

    जहाँ रखावैं सीमा।

    छिन मा वै अपने दुस्मन कै,

    मुँह कइ डावैं बीमा।

    मारै बैरी ललकार, हमार देसवा।

    वे कै महिमा वा अपार, हमार देसवा।

    मंदिर-महजिद-गिरजा कुल,

    एक्के प्रभु के प्रभुताई।

    आठौ पहर सुखै-सुख बाँटे,

    आपन धरती माई।

    बहे अमिरित कै धार, हमार देसवा।

    ये कै महिमा वा अपार, हमार देसवा।

    यहिकै माटी माथे लावा,

    आपन करतब जाना।

    देसवा की रच्छा-हित पहिरा,

    देसभक्ति कै बाना।

    पूरा देस परिवार, हमार देसवा।

    ये कै महिमा वा अपार, हमार देसवा।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अनीस देहाती
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए शैलेंद्र कुमार शुक्ल द्वारा चयनित

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