हैंगओवर

haingaowar

निखिल आनंद गिरि

बारहमासा अमरूद की तरह नहीं

महामारी की तरह आते हैं

कभी-कभी अच्छे दिन

कभी नहीं जाने के लिए

मक्खियाँ चखें तमाम अच्छी मिठाइयाँ

मच्छरों के लिए तमाम अच्छी नस्ल के ख़ून

चमगादड़ों के लिए सबसे दिलकश अँधेरे

और चूँकि जंगल नहीं के बराबर हैं

तो भेड़ियों-सियारों-लकड़बग्घों की रिहाइश के लिए

तमाम अच्छे शहर

गुजरात से दिल्ली से अमेरिका से मंगल तक

एक से एक रंगीन चश्मे इंडिया गेट पर

युवाओं के लिए हनी सिंह के सब देशभक्ति गीत

सबसे तेज़ बुलेट कारें, सबसे अच्छी दुर्घटनाओं के लिए

सबसे मज़बूत लाठियाँ, सदैव तत्पर पुलिस के लिए

सबसे अच्छी हत्याओं का सीधा प्रसारण

सबसे रंगीन पर्दों पर

सबसे अच्छे हाथी, कुलपतियों की तफ़रीह के लिए

सबसे अच्छे पुरस्कार, अच्छे दिनों की याद में

लोटमलोट हुए राष्ट्रभक्तों, शांतिदूतों और साहित्यकारों के लिए

सबसे अच्छे दिनों को हुड़-हुड़ हाँकते

सबसे ज़्यादा मुस्कुराते लोग

बोरिंग सेल्फ़ी की तरह

आत्ममुग्धता की बास मारते

प्रेम की तमाम संभावनाओं को ख़ारिज करते

सबसे अच्छे नारे, मंदिर, शौचालय, बैनर,

मूर्तियाँ, होर्डिंग और पोस्टर

शहर की सबसे सभ्य सड़कों पर

जिन पर इत्मीनान से लेंड़ी चुआते हों कौए

और वहीं बीड़ी सुलगाने की जुगत में

कोई कवि या पागल

नाउम्मीदी की तमाम संभावनाओं के बीच

किसी चायवाले भद्रजन से माँगता हो माचिस

तो अच्छे दिनों के हैंगओवर में

वह उड़ेल दे खौलती केतली से

किरासन या तेज़ाब जैसी कोई चीज़

और मुस्कुराकर कहे जय हिंद!

स्रोत :
  • रचनाकार : निखिल आनंद गिरि
  • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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