Font by Mehr Nastaliq Web

गाए गए गीत

gaye ge geet

राजकुमार केसवानी

अन्य

अन्य

राजकुमार केसवानी

गाए गए गीत

राजकुमार केसवानी

और अधिकराजकुमार केसवानी

    वो डरता नहीं है मालिक से

    गाता रहता है

    अपनी पसंद के गीत

    करते हुए अपना काम

    वो गाता है इस तरह

    जिसे देखकर लगे

    कि बिना गीत

    यह काम लगेगा कितना अटपटा

    जैसे क्यारियों और गमलों में

    डालना पानी

    हर सुबह

    जैसे झाड़ू-पोंछा करना

    छह कमरे का

    हर सुबह

    मालिक के रोते बच्चे को

    चुप कराना हर सुबह

    बिना गीत

    ये सारे काम

    हो सकते है

    कितने बोझिल

    कितने नीरस

    जबकि इन्हें करना हो

    हर सुबह

    मालिक भी जानता है

    इस बात को

    शायद

    इसलिए नहीं रोकता

    गाने से

    नौकर को

    जब वह रखता है पाँव

    चमचमाते फ़र्श पर

    तो सोचता है

    उसका नौकर

    गाता भले ही हो

    फ़र्श को चमका देता है

    जब वह देखता है

    अपने बच्चे को मुस्कुराते

    खेलते हुए खिलौनों से

    उसे लगता है

    गाना अच्छी चीज़ है

    यह सिखा देता है

    मुस्कुराना

    जब पड़ती है उसकी नज़र

    फूलों से लदे

    अपने बग़ीचे पर

    तो वह जान जाता है

    फूलों को भी पसंद है

    मालिक से बिना डरे

    गाए गए गीत

    स्रोत :
    • पुस्तक : बाक़ी बचें जो (पृष्ठ 45)
    • रचनाकार : राजकुमार केसवानी
    • प्रकाशन : शिल्पायन प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए