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गौरैया

gauraiya

अरमान आनंद

अन्य

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अरमान आनंद

गौरैया

अरमान आनंद

और अधिकअरमान आनंद

    गौरैया

    तुम ग़ायब हो गई हो

    क्या सचमुच ग़ायब हो गई हो तुम गौरैया?

    कितनी ज़रूरी थीं तुम आँखों के लिए

    तुम्हारा दिखना डर, भय, आशंका

    और आकुलता से भर देता है

    कहीं तुम काली रात में घूमती

    सफ़ेद बस में तो सवार नहीं हो गईं

    कहीं सिगरेट के दाग़ों के साथ तो नहीं पाई गई

    पुलिस की किसी रेड में

    हॉस्पिटल के पीछे

    गर्भ से निकाल फेंकी गई नवजात

    तुम्हीं तो नहीं थी

    जिसके लिए सड़क के कुत्ते छीना-झपटी कर रहे थे।

    गौरैया

    बताओ

    तुम्हारी किडनी बिकी कि देह

    मेरे घर की प्यारी लक्ष्मी

    तुम अभी उतरी थीं आँगन की नीम से

    कहाँ छुप्पा हो गई

    मैं तुम्हे ढूँढ़कर धप्पा बोलूँगा देखना

    प्यारी गौरैया तुम्हें पता है

    अनुपस्थिति अपने आपमें एक राजनीति है

    और ग़ायब कर देना

    सत्ता का

    जादूगरों से भी पुराना खेल

    प्यारी गौरैया

    ये दुनिया कोई संसद तो नहीं

    जिससे तुम वाक आउट कर गई हो

    गौरैया तुमने एक बार सालिम अली के बारे में बताया था

    उनसे पूछूँ क्या तुम्हारा पता

    गौरैया बताओ तुम गुज़रात गई कि पाकिस्तान

    तुम्हारा कौन-सा देश था गौरैया

    तुम किस सरहद पर मारी गई

    तुम किसका लिखा गीत गाती थी

    इक़बाल का या इक़बाल का

    हम तुम्हेँ ही बचाने के नारे लिख रहे थे

    और तुम ग़ायब हो गई गौरैया

    मेरी प्यारी गौरैया

    कुछ बताओ बताओ

    ये तो बता दो

    तुम्हें इश्क़ में शहादत मिली कि जंग में

    स्रोत :
    • रचनाकार : अरमान आनंद
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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