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गगन तले मगन दो लोग

gagan tale magan do log

अर्पण कुमार

अन्य

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अर्पण कुमार

गगन तले मगन दो लोग

अर्पण कुमार

और अधिकअर्पण कुमार

    पानी भरे खेत में

    धान रोपती स्त्री

    इस बात से

    अनजान है कि

    पूरा-का-पूरा आसमान

    उसके पैरों में बिछा है

    मेड़ पर शॉल ओढ़ा एक अधेड़

    सोच रहा है और

    दुलार रहा है इस दृश्य को

    उसके अरचित खंडकाव्य की

    वह कोई नायिका तो नहीं

    मेड़ पर गड़ी खंती पर

    उसने भार दे रखी है

    अपने पूरे शरीर की

    धान रोपती स्त्री

    तिरछी निगाह डालती है उसपर

    खंती

    मिट्टी में कुछ और

    धँसती चली जाती है

    मौसम में वसंत का

    भान बलवान हो उठता है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अर्पण कुमार
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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