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एक नवजात बूँद

ek navjat boond

ऋतु त्यागी

अन्य

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ऋतु त्यागी

एक नवजात बूँद

ऋतु त्यागी

और अधिकऋतु त्यागी

    जब दिल की सबसे नाज़ुक धड़कन

    शिकायत करने लगे दम घुटने की

    तब हवा से ज़िरहा मत करना,

    सहलाना बस, पकड़ लेना उसकी कनिष्ठका

    और चल देना उस अंतहीन सफ़र पर

    जहाँ साधकर साधक हो जाना होता है

    किसी ने कहा शतरंज की बिसात पर मुहरे फैलाए हुए समय से

    बाज़ी हारने के बाद

    किसी मसख़रे से शिकायत मत करना…

    वह हँसकर भाग जाएगा

    तभी धुआँ-धुआँ होते बादलों के शहर में

    एक नवजात बूँद आसमान से गिरेगी

    और धरती की उस लड़की के गालों में पड़े गढ्डों में अटक जाएगी;

    जो चाँद की उजली किरण को अपने बालों में इसलिए बाँधती है

    ताकि उसका रूठा प्रेमी

    भ्रम की ताक़त से मुक्त किया जा सके

    और जब कभी वह लौटना चाहे

    तब अँधेरों से टकराकर कहीं फिर से गुम ना हो जाए।

    स्रोत :
    • रचनाकार : ऋतु त्यागी
    • प्रकाशन : हिंदवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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