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एडि‍टिंग

eDi‍ting

नवीन रांगियाल

अन्य

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नवीन रांगियाल

एडि‍टिंग

नवीन रांगियाल

और अधिकनवीन रांगियाल

    अच्‍छी एडि‍टिंग ‘भाषा’ को बचाती है

    अपनी प्रार्थनाओं में जब मैं यह कहता हूँ

    कि‍ ऊपर वाला ‘बचाएगा’

    तो मैं ‘बचाएगा’ को ‘बचाएगा’ लिखता हूँ

    ऐसे मैंने ‘ए’ की मात्रा बचा ली

    मैं उसका ‘इंतज़ार’ करने के बजाय ‘प्रतीक्षा’ करता हूँ

    ‘प्रतीक्षा’ लिखकर मैं एक क़दम उसके क़रीब चला जाता हूँ

    मैं ‘प्‍यार’ को ‘प्रेम’ लि‍खता हूँ

    क्‍योंकि ‘प्रेम’ थोड़ी कम जगह घेरता है

    दु:ख में से ‘कॉलन’ हटाकर मैंने छोटा कर दि‍या—दुख

    ‘ज़िन्दगी’ को ‘ज़िंदगी’ लिख देता हूँ

    मैं हमेशा से ज़िंदगी की लिखाई थोड़ी छोटी कर लेना चाहता था

    स्रोत :
    • रचनाकार : नवीन रांगियाल
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए द्वारा चयनित

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