राजेश शर्मा की आत्महत्या

rajesh sharma ki atmahatya

लीलाधर जगूड़ी

लीलाधर जगूड़ी

राजेश शर्मा की आत्महत्या

लीलाधर जगूड़ी

लखनऊ में राजेश की आत्महत्या से पहले

हम बहुत सारे कवि-लेखक

पीने-खाने के बाद दरी पर चादर बिछाकर लेटे

और गपियाते रहे पूरी रात

हुसैनगंज वाले ग्यारहवीं मंज़िल के फ़्लैट में

जिसे छोड़कर

गोमती नगर में उसने शानदार घर बनवा लिया था बाद में

एक दिन गोमती नगर वाले शानदार घर को भी छोड़कर

अपना साफ़-सुथरा आकर्षक शरीर लेकर

चिड़ियाघर और सिविल अस्पताल के बीच

सूचना-विभाग को छोड़कर

वही राजेश शर्मा

हुसैनगंज वाली ग्यारहवीं मंज़िल पर जा पहुँचा

जहाँ दरी पर चादर बिछाकर

अच्छे साहित्य से पैदा हुए अच्छे समाज की बाते की थीं

हमने

लिफ़्ट पर चढ़कर गया वह

कूदकर नीचे आने के लिए

जब दूसरे वह ऊँचाई नहीं देते

जहाँ आप ख़ुद का घंटाघर बनाए हुए होते हैं

तो ऊँचाई आपको ढकेल देती है

अपने को सबसे अलग समझने की

यह अलग ही कोई चोट है

जो ख़ुद पर ख़ुद ही मारनी पड़ती है राजेश की तरह

आत्महंता पद्धति को बहुत बार बहुत से कवियों ने

आज़माया है डिक्टेटर की तरह

लेकिन उनकी कविता की भाषा ही आख़िर काम आई

जो उन्होंने जीवन को चोट पहुँचाने से पहले

लोक से अपने संवाद के लिए रची थी

ज़िंदगी बहुत-सी चीज़ों के काम आती है

इसलिए आत्महत्या के भी काम आई एक दिन

जैसे अपनी मृत्यु ही सारी चीज़ों पर अंतिम पर्दा हो।

स्रोत :
  • रचनाकार : लीलाधर जगूड़ी
  • प्रकाशन : कविता कोश
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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