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जूता हमर माथ पर सवार अछि

juta hamar maath par savar achhi

महाप्रकाश

अन्य

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महाप्रकाश

जूता हमर माथ पर सवार अछि

महाप्रकाश

और अधिकमहाप्रकाश

    जूता हमर माथ पर सवार अछि

    हम नॉंगट पयर दरारि

    शोणितक नदी केँ

    पयर मे बन्हने

    कॉंटक अनन्त जंगल सँ लड़ैत

    मरूभूमि मे पड़ल छी...

    आँखि मे पानिक सतह पर

    टुटैत हमर अर्जित स्वप्न-संगीतक

    विद्रोही राग-रागिनी

    उलहन-उपराग अलापैत अछि...

    हमर आस्थाक सार्थक शब्द

    हमर संस्कारक आधारशिला

    कोन आश्रम कोन ज्योतिपिंड केँ

    हम देने रही हाक...

    यात्रा पूर्व जत’ रोपने रही

    संकल्पित पयर

    जत’ भरने रही फेफड़ा मे

    सर्वमांगल्ये मंत्रपूरित हवा

    कोन गली कोन चौबटिया पर अनाम भेल...

    हमर संगक साथी सम्बन्ध सर्वनाम

    अपन विशेषण अपन सुरक्षाक

    अन्वेषण मे फँसि गेल

    जूताक आदिम गह्वर मे

    बना लेलनि अपन-अपन घर दुर्निवार...

    हे हमर हिस्साक ज्योति सखे!

    देखू कत-कत सँ दरकि गेल अछि

    हमर आस्थाक चित्र-लोक

    कत’-कत’ सँ दरकि गेल अछि रंग

    हमर दर्द कहू...

    कत’-कत’ सँ टूटि गेल हमर शक्ति-क्रम

    हमर हाथ गहू...

    जूता हमर माथ पर सवार अछि।

    स्रोत :
    • पुस्तक : संग समय के (पृष्ठ 54)
    • रचनाकार : महाप्रकाश
    • प्रकाशन : अंतिका प्रकाशन
    • संस्करण : 2007

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