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भूलना

bhulna

सौरभ मिश्र

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और अधिकसौरभ मिश्र

    देकर भूल जाना होता है

    प्रेम, तोहफ़े और अपनापन

    कोई नहीं खोजेगा हमें

    तो हम खोज लेंगे ख़ुद को

    हमने अकेले रहने का हुनर

    पढ़कर, लिखकर और लड़कर हासिल किया है

    वह हमें कभी नहीं मिला है

    जो हमने दिया है

    पर हमने चाहा ज़रूर है

    हम पीड़ा में नहीं पड़ते उम्मीद की

    इसलिए हमने सीखा मुक्त करना

    पर हमने भूलना नहीं सीखा

    प्रेम, तोहफ़े और अपनेपन के बदले

    मिले तिरस्कार, दूरी और छोड़ा जाना

    हमने इन्हें सहेजकर रखा है

    ताकि हमसे हो ये अपराध

    हम दे सकें—

    प्रेम के बदले प्रेम

    तोहफ़ों के बदले तोहफ़े

    और अपनेपन के बदले अपनापन।

    स्रोत :
    • रचनाकार : सौरभ मिश्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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