Font by Mehr Nastaliq Web

बन्नी कर लो आज सिंगार बन्ना तुझे ब्याहने आएगा

banni kar lo aaj singar banna tujhe byahane ayega

अमन त्रिपाठी

अन्य

अन्य

अमन त्रिपाठी

बन्नी कर लो आज सिंगार बन्ना तुझे ब्याहने आएगा

अमन त्रिपाठी

और अधिकअमन त्रिपाठी

    तुमने कहा कि ब्याह की सबसे बड़ी ख़ुशी

    तुम्हें यह है

    कि तुम्हें यहाँ से किसी दूसरी जगह

    जाने का अवसर मिलेगा

    इससे सच्ची बात

    इस घर में तुम नहीं कह सकती थी

    तुम पता नहीं जानती या नहीं

    बाहर का संसार केवल सदिच्छाओं में सुखी है

    वहाँ पर भी आते ही हैं

    मृत्यु, अवसाद और विलाप के मौसम

    तुम पता नहीं जानती हो या नहीं

    इससे झूठी बात अभी

    मैं नहीं कह सकता

    वहाँ पिता भी हैं भाई भी

    बहन भी माई भी

    एक विस्तृत संसार भी

    जहाँ जाने की इच्छा तुमने कभी की नहीं

    बस एक अमूर्त दूर रहा तुम्हारी इच्छा

    तो सहानों से उकताना करो बंद

    और कर लो सिंगार पूरे मन से

    सँवर कर जाओ

    और कभी-कभी लौट भी आओ

    बहुत ऊँची दीवारों वाले इस घर में

    अच्छा?

    स्रोत :
    • रचनाकार : अमन त्रिपाठी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए