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आज़ादी

azadi

भगवतीलाल व्यास

अन्य

अन्य

आज़ादी खिलौना नहीं है

कि उससे जिस तरह मन किया

खेल लिया / और जब खेलते-खेलते

मन भर जाए तो तोड़-बिखेरकर

नाली में फेंक दिया।

आज़ादी वह / अमरफल भी नहीं

कि उसे चखना / कई लोगों के लिए ज़रूरी

तो कई के लिए / गैर-ज़रूरी क़रार दे दिया

आज़ादी का अर्थ / भूख, ग़रीबी,

बेरोज़गारी / और बीमारी नहीं है

आज़ादी का अर्थ

बदहज़मी, दो नंबर का धन

हेराफेरी और 'ब्लू फ़िल्म' भी नहीं

कि बड़े पर्दों की ओट

उसका स्वाद लिया जाए।

आज़ादी लोकतंत्र के

दरवाज़े पर लगी 'कॉलबेल' नहीं कि

जब जिसका मन हो बटन दबा दे

और थकान उतारते देश की

कच्ची नींद उड़ा दे।

आज़ादी हृदय का खेल

आज़ादी समर्पण की गैल

आज़ादी, बिना तुला

तोलन-तुलने का रिवाज

आज़ादी रक्त से रेल-पेल

ऐसा गीत / जिसे गाना बहुत मुश्किल

और बिना गाए रह जाना भी / कहाँ है आसान।

आज़ादी वह दिपदिपाती लपट

जिसे धारण किए बिना सरे काज

आज़ादी वह बैन / जिसे उच्चारे बिना

देह अलग हो पाएँ प्राण।

स्रोत :
  • पुस्तक : आधुनिक भारतीय कविता संचयन राजस्थानी (1950-2010) (पृष्ठ 63)
  • संपादक : नंद भारद्वाज
  • रचनाकार : भगवतीलाल व्यास
  • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
  • संस्करण : 2012

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