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राष्ट्रीय भजन

rashtriy bhajan

जुमई खाँ 'आजाद'

अन्य

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जुमई खाँ 'आजाद'

राष्ट्रीय भजन

जुमई खाँ 'आजाद'

और अधिकजुमई खाँ 'आजाद'

    वहि देशवा कै हमका बनाया बसिया।

    जहाँ बरसइ सिरोमनि रतन रसिया।

    जौने वतनवा हिमालय पहरूआ।

    जौने वतन हिंद सागर दुलरुआ।

    जहाँ सरहद पै महकै हमार मटिया।

    वहि देशवा कै हमका बनाया बसिया॥

    जेकरे अंचरवा गंगा जल डोलै,

    जेकरे अंचरवा जमुन जल बोलै।

    जहाँ केशर उगै कश्मीर घटिया,

    वहि देशवा के हमका बनाया बसिया॥

    जौनी नगरिया सवन घन गरजै।

    जौनी नगरिया कजरि मन हरसै।

    जहाँ बिरना के बाँधै बहिन रखिया।

    वहि देशवा कै हमका बनाया बसिया॥

    जहवाँ जनम लेहेन सूरदास, तुलसी,

    जहवाँ कै नारि रत्नावलि, हुलसी।

    जहाँ उतरइ नंदन-वन मीरा की बगिया,

    वहि देशवा कै हमका बनाया बसिया॥

    जहाँ देश भक्तन कै घूमै निसनवाँ,

    जहाँ वीर मस्तन कै ढुरकै पसिनवाँ।

    जहाँ रक्तन से सब दिन जरी बा जोतिया।

    वहि देशवा कै हमका बनाया बसिया॥

    स्रोत :
    • रचनाकार : जुमई खाँ 'आजाद'
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए शैलेंद्र कुमार शुक्ल द्वारा चयनित

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