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औरत

aurat

कमल जीत चौधरी

अन्य

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और अधिककमल जीत चौधरी

    औरत

    एक डायरी होती है

    इसमें हर कोई दर्ज होना चाहता है

    एक किताब होती है

    इसे पूरा पढ़ने के लिए

    नदी से पेड़ तक की यात्रा करनी पड़ती है

    बच्चे की क़लम होती है

    छील छील लिखती है

    बी सी

    1 2 3

    औरत के रास्ते को कोई खींचकर

    लंबा कर देता है

    सीधे सादे रास्ते का

    सिर पकड़

    उसे तीखे मोड़ देता है

    जिसे वह उँगली थमाती है

    वह बाँह थाम लेता है

    जिसे वह पूरा सौंपती है

    वह उँगली छोड़ देता है

    औरत की चप्पल की तनी

    अक्सर बीच

    रास्ते में टूटती है

    मरम्मत के बाद

    उसी के पाँव तले

    कील छूटती है

    वह चप्पल नहीं बदल पाती

    पाँव बदल लेती है

    ...

    अनवरत यात्रा करती

    एक युद्ध लड़ती है

    इरेज़र से डरती

    पर ब्लेड से प्रेम करती है

    औरत...

    स्रोत :
    • रचनाकार : कमल जीत चौधरी
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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