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आश्वासन

ashwasan

अमित तिवारी

अन्य

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अमित तिवारी

आश्वासन

अमित तिवारी

और अधिकअमित तिवारी

    आने के बहुत पहले से आता रहा

    जाने का आश्वासन

    हर बार ‘जल्द ही आएँगे’ के साथ

    थोड़ा-थोड़ा आता रहा उनके शहर का मौसम

    मन में उपराते रहे दवाइयों, कपड़ों, जूतों के आकार

    और एक जगह का सामान दूसरे जगह खुलने की महक

    दुबारा मिलने की चर्चाओं में बचता रहा

    पिछली भेंट और प्रतीक्षा का इतिहास

    और हर ताज़ा आश्वासन के बाद

    बाँध की तरह खोले गए किवाड़

    अचानक होने में बना एक नया विश्वास

    जैसे संभावना होने के बाद भी

    बारिश हो सकने का आधिकारिक प्रमाण

    भेंट की दबी-सी प्रस्तावना में हुआ

    स्मृतियों को गल्प होने से बचाने का प्रयास।

    स्रोत :
    • रचनाकार : अमित तिवारी
    • प्रकाशन : सदानीरा वेब पत्रिका

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