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आषाढ़ का पहला दिन

ashaDh ka pahla din

भवानीप्रसाद मिश्र

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भवानीप्रसाद मिश्र

आषाढ़ का पहला दिन

भवानीप्रसाद मिश्र

और अधिकभवानीप्रसाद मिश्र

    नोट

    प्रस्तुत पाठ एनसीईआरटी की कक्षा आठवीं के पाठ्यक्रम में शामिल है।

     

    हवा का ज़ोर वर्षा की झड़ी, झाड़ों का गिर पड़ना
    कहीं गरजन का जाकर दूर सिर के पास फिर पड़ना
    उमड़ती नदी का खेती की छाती तक लहर उठना
    ध्वजा की तरह बिजली का दिशाओं में फहर उठना
    ये वर्षा के अनोखे दृश्य जिसको प्राण से प्यारे
    जो चातक की तरह तकता है बादल घने कजरारे
    जो भूखा रहकर, धरती चीरकर जग को खिलाता है
    जो पानी वक़्त पर आए नहीं तो तिलमिलाता है
    अगर आषाढ़ के पहले दिवस के प्रथम इस क्षण में
    वही हलधर अधिक आता है, कालिदास से मन में
    तो मुझको क्षमा कर देना।

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    भवानीप्रसाद मिश्र

    भवानीप्रसाद मिश्र

    स्रोत :
    • पुस्तक : दुर्वा (भाग-3) (पृष्ठ 82)
    • रचनाकार : भवानी प्रसाद मिश्र
    • प्रकाशन : एन.सी. ई.आर.टी
    • संस्करण : 2008

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