पियक्कड़ अमरीकी

piyakkaD amriki

अनुवाद : मदन सोनी

जॉन एशबेरी

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पियक्कड़ अमरीकी

जॉन एशबेरी

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    मैंने आईने में प्रतिबिंब देखा
    और वह नगण्य है या नाकाफ़ी
    बताने के लिए भेद, गढ़ने ख़ुद को
    एक पुरानी, औसत क़स्बाती रोशनी से,
     
    और बाद में जब बस का ट्रिप
    ख़ाली कर चुका था मेरा जेब उसमें रखे कुछ सिक्कों से
    उसे बहस करते देखा गया था धुँधले काँच के पीछे
    एक अदृश्य दुकानदार से। क्या हुआ अगर तुम हासिल नहीं कर सकते
    यह भी? क्योंकि लगता है कि तमाम
    क्षण ऐसे ही हैं : नाज़ुक, असंतोषजनक
    उन नश्वर चीज़ों से जो हर बार और भी क्षरित मिलती हैं जब तुम लौटते हो उसकी ओर
    जब तक कि एक दिन तुम कैनवस को फ़्रेम से उतार नहीं लेते
     
    और घर नहीं ले जाते उसे अपने साथ। तुम सोचते हो
    तुम्हारी दैवी हठधर्मिता जीत गई है
    दुखदायी दृश्यालेख से : ये चीज़ें असल हैं जैसे माँस
    जैसे आँसू। कलंकित हैं हम सब इस चाहना से, इस क्षण में जो अंतिम है,
    अंतिम।
     
    स्रोत :
    • पुस्तक : पुनर्वसु (पृष्ठ 187)
    • संपादक : अशोक वाजपेयी
    • रचनाकार : जॉन एशबेरी
    • प्रकाशन : राजकमल प्रकाशन, नई दिल्ली
    • संस्करण : 1989
    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

    ‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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