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अँग्रेज़ जिस समय

angrez jis samay

नवेंदु महर्षि

अन्य

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नवेंदु महर्षि

अँग्रेज़ जिस समय

नवेंदु महर्षि

और अधिकनवेंदु महर्षि

    अँग्रेज़ जिस समय तुम्हें

    आज़ादी सौंप रहे थे

    उस समय हम

    खेतों में

    हल चला रहे थे

    खदानों में

    कोयला निकाल रहे थे

    कारख़ानों में

    पसीना बहा रहे थे

    इस विश्वास के साथ

    कि तुम आज़ादी लेकर

    एक दिन

    हम तक भी आओगे

    और हमें भी

    आज़ादी की ख़ुशी का

    अनुभव कराओगे

    लेकिन पचपन साल

    गुज़र चुके हैं

    हमने आज़ादी के

    दर्शन तक नहीं किए

    बल्कि हम आज भी

    उसी तरह अपना

    पसीना बना रहे हैं

    और आप संसद में बैठकर

    सत्ता सुंदरी के साथ

    रंगरेलियाँ मना रहे हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : दलित निर्वाचित कविताएँ (पृष्ठ 159)
    • संपादक : कँवल भारती
    • रचनाकार : नवेंदु महर्षि
    • प्रकाशन : इतिहासबोध प्रकाशन
    • संस्करण : 2006

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