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अनाम गर्भवती औरत के बग़ल में बैठने का अनुभव

anam garbhavti aurat ke bagal mein baithne ka anubhav

राकेश कुमार मिश्र

अन्य

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राकेश कुमार मिश्र

अनाम गर्भवती औरत के बग़ल में बैठने का अनुभव

राकेश कुमार मिश्र

और अधिकराकेश कुमार मिश्र

    उस औरत का शरीर बज रहा था

    किसी सितार की तरह

    खुले आँगन में

    हर मद्धम क़दम के साथ पृथ्वी पर चलते हुए

    वह औरत रच रही थी

    धीमेपन का सौंदर्यशास्त्र

    वह सावधानी का दूसरा नाम थी

    वह औरत शरीर कम थी गंध ज़्यादा

    उस औरत का नाम मैंने नहीं पूछा

    बस मान लिया कि उसका नाम सृजन है।

    स्रोत :
    • रचनाकार : राकेश कुमार मिश्र
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

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