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आस-पड़ोस

aas paDos

दलजीत सिंह

अन्य

अन्य

दलजीत सिंह

आस-पड़ोस

दलजीत सिंह

और अधिकदलजीत सिंह

    फ़िल्टर की हुई ठंडी हवा

    बिकती है अच्छी क़ीमत पर

    ए.सी. कमरों में

    बाहर प्राकृतिक वायु

    उपलब्ध भरपूर है महक के साथ

    पेट्रोल, डीजल के धुएँ

    कोयला भट्ठियों, घूरे, गंदगी के ढेरों

    नालियों में से उपजते अनेक

    दुर्गंध-सुगंध के मेल-जोल से

    महक ही महक

    भ्रमण, पर्यटक यात्रियों,

    शौक़ीनों के लिए, शहरों-गाँवों में

    समंदर किनारे, पहाड़ों में

    हर जगह गंधाया माहौल

    इंसानी, हैवानी या कारख़ानी हो

    या प्राकृतिक नज़ारा

    अथवा आस-पास

    किसी पूजनीय जगह की बात,

    घरों में तो पोंछे चमकाए हुए

    बाहर लपटों के लिए

    ढेर-दर-ढेर फैले हैं।

    स्रोत :
    • पुस्तक : बीसवीं सदी का पंजाबी काव्य (पृष्ठ 434)
    • संपादक : सुतिंदर सिंह नूर
    • रचनाकार : कवि के साथ अनुवादक फूलचंद मानव, योगेश्वर कौर
    • प्रकाशन : साहित्य अकादेमी
    • संस्करण : 2014

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