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आधा-आधा नक्षत्र

aadha aadha nakshatr

अनुवाद : राजेंद्र प्रसाद मिश्र

प्रतिभा शतपथी

प्रतिभा शतपथी

आधा-आधा नक्षत्र

प्रतिभा शतपथी

एक भिनसार माँगा था ना तुमने

बाँटने के लिए

अपने और मेरे बीच, ठीक आधा-आधा?

बड़ा, छोटा

तराजू में तौलोगे—

जैसे दो हिस्से चाँद

जैसे दो हिस्से दर्पण

जैसे दो हिस्से होंठ

जोड़ देने से होती है पूर्णता

पर जोड़ पाना संभव नहीं कभी

सहेज लिया है ख़ुद को मैंने

दो हिस्सों में बँटते

हृदय से,

कहीं नहा जाऊँ रक्त से

कहीं रास्ते के किनारे पेड़ की डाल पर

लटका संध्या तारा

डूब जाए उस रक्त धार में

“डूबता है तो डूबे

डूब गया तो फिर निकलेगा,

बाँट नहीं सकता क्यों मैं

एक भिनसार

तुम्हारे साथ, कभी भी—”

आरोप अबोध है हमेशा से

सब्र नहीं कौन समझाएगा

क्यों नहीं बाँटे जा सकते इस वक़्त

साँस, विश्वास, शुक्र तारा

तुम्हारे और मेरे बीच

उसी दिन से

असंख्य भिनसार

चले जाते हैं उड़कर पक्षीराज घोड़े पर

'अहीर भैरव' राग के मज्जे से

टपकती है ओस टप-टप—

आधा चाँद

शायद अष्टमी है

तिथि अ-तिथि नहीं समझता

भाग रहा है मेरे पीछे-पीछे उसी दिन से

सब कुछ रहता है आधा, सब अपूर्ण

आख़िर, क्या नहीं था?

अर्थ, परमार्थ, यश

या फिर जर्जर लालसाओं की

कई पीली पांडुर दुपहरियाँ

मध्य-रात्रि का कोलाहल

ओस का तिप-तिप

छीजता अँधेरा

फूलों के होंठ मिलने के क्षण

क्यों नहीं माँगा इनमें से

कुछ भी?

क्यों माँग बैठे,

एक ऐसा भिनसार—कहो ना!

मैंने तो सोचा था—

बाँट लूँगी

एक-एक क्षण, एक-एक स्पंदन

एक-एक पुलक

बाँट भी चुकी थी आधा-आधा

बल्कि ज़्यादा हिस्सा तुम्हारे ही लिए

कुमुदिनी-सी तोड़ लाई थी

नदी या तालाब

या सागर

या फिर हथेली का नन्हा दर्पण

कहीं भी खिले

प्रतिबिंब को

घड़ी भर रुक नहीं सके तुम

फूट पड़ा तुम्हारा अहंकार

पर इधर टूटकर बिखर गई

जाने कितनी यंत्रणाओं की मधुरिमा

कितनी सच्चाई, कितनी कल्पनाएँ

जाने कितने भिनसार

कितने शुक्र तारे!

स्रोत :
  • पुस्तक : आधा-आधा नक्षत्र (पृष्ठ 20)
  • रचनाकार : प्रतिभा शतपथी
  • प्रकाशन : मेघा बुक्स
हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों का व्यापक शब्दकोश : हिन्दवी डिक्शनरी

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‘हिन्दवी डिक्शनरी’ हिंदी और हिंदी क्षेत्र की भाषाओं-बोलियों के शब्दों का व्यापक संग्रह है। इसमें अंगिका, अवधी, कन्नौजी, कुमाउँनी, गढ़वाली, बघेली, बज्जिका, बुंदेली, ब्रज, भोजपुरी, मगही, मैथिली और मालवी शामिल हैं। इस शब्दकोश में शब्दों के विस्तृत अर्थ, पर्यायवाची, विलोम, कहावतें और मुहावरे उपलब्ध हैं।

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