कुंडलिया संग्रह

मिश्रित छंद। दोहा और

रोला का मिश्रण। आरंभिक दो पंक्तियाँ दोहे की और बाद की चार पंक्तियाँ रोला की। छंद के पहले शब्द का छंदांत में दोहराव और दूसरी पंक्ति के अंतिम चरण का तीसरी पंक्ति के आरंभ में दोहराव अनिवार्य।

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साईं समय न चूकिये

गिरिधर कविराय

बीती ताहि बिसारि दे

गिरिधर कविराय

बिना बिचारे जो करै

गिरिधर कविराय

साईं बैर न कीजिये

गिरिधर कविराय

लाठी में गुण बहुत हैं

गिरिधर कविराय

सोना लावन पिव गये

गिरिधर कविराय

बेटा बिगरो बाप सों

गिरिधर कविराय