Font by Mehr Nastaliq Web

उत्तरों की खोज में

uttron ki khoj mein

चित्रांश वाघमारे

अन्य

अन्य

चित्रांश वाघमारे

उत्तरों की खोज में

चित्रांश वाघमारे

और अधिकचित्रांश वाघमारे

    उत्तरों की खोज में जो है अहर्निश

    प्रश्न क्या है यह उनको याद आया

    बेवजह भाषा उबलती जा रही है

    और सब आशय अकारण खो रहे हैं

    यों किसी ने रोग पहचाना नही है

    हाँ मगर, उपचार सारे हो रहे हैं।

    एक मन की बात दूजे तक पहुँची

    फिर नहीं उस पार से संवाद आया॥

    आज तक जो लग रही ढाँढस बँधाती

    प्राण में गहरे अनिश्चय बो गई जब

    उत्तरों की खोज करती एक भाषा

    एक पल में प्रश्नवाचक हो गई जब

    प्रश्न के प्रतिप्रश्न क्षण में थे उपस्थित

    प्रश्न का उत्तर महीनों बाद आया॥

    एक ऐसी सभ्यता हैं हम कि जिसने

    प्यास खोजी थी मगर बादल खोजा

    प्रश्न के उलझाव ने इतना डराया

    प्रश्न पर ठिठके मगर कुछ हल खोजा

    मूल में क्या था नहीं हम जान पाए

    हाथ जो आया, महज अनुवाद आया॥

    स्रोत :
    • रचनाकार : चित्रांश वाघमारे
    • प्रकाशन : हिन्दवी के लिए लेखक द्वारा चयनित

    संबंधित विषय

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY

    हिन्दवी उत्सव, 27 जुलाई 2025, सीरी फ़ोर्ट ऑडिटोरियम, नई दिल्ली

    रजिस्टर कीजिए